राफेल क्या है ? ( Dassault Rafale )
राफेल लड़ाकू विमान एक मल्टीरोल फाइटर विमान है , जिसे फ्रांस की डेसॉल्ट एविएशन नामक कंपनी ने बनाया है । राफेल- A श्रेणी के पहले विमान ने 4 जुलाई 1986 को , जबकि राफेल- C श्रेणी के विमान ने 19 मई 1991 को उड़ान भरी थी । राफेल A , B , C और M श्रेणियों में एक सीट , डबल सीट और डबल इंजिन में उपलब्ध है।
वायुसेना की ताकत बढ़ी।
हाल ही में भारतीय वायुसेना में फ्रांस से लाया गया फाइटर जेट राफेल शामिल किया गया है। राफेल अपनी मारक क्षमता के लिए जाना जाता है। दुनिया के सबसे ताकतवर फाइटर जेट माने जाने वाले राफेल विमान के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ी है। राफेल को ' हवा का सिकंदर ' भी कहा जाता है।
क्यों मनाते हैं वायुसेना दिवस ?
8 अक्टूबर सन् 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी , इसीलिए हर साल इस दिन वायुसेना दिवस मनाया जाता है। आजादी के पूर्व वायुसेना को ' रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। आजादी के बाद इसमें से ' रॉयल ' शब्द हटाकर सिर्फ ' इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया।
राफेल में कई अचूक हथियार लग सकते हैं। 300 किलोमीटर तक मार करने वाली स्कल्प क्रूज मिसाइल इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है। राफेल सैकड़ों किलोमीटर तक अचूक निशाना लगा सकता है। साथ ही इसमें हवा से हवा में और हवा से जमीन पर निशाना लगाने की क्षमता है।
राफेल में लगी है मीटियॉर मिसाइल , जो हवा से हवा में मार कर सकती है। यह मिसाइल 150 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन पर भी अचूक निशाना लगा सकती है यानी राफेल बिना किसी देश की सीमा पार किए ही दुश्मन के विमान को ढेर कर सकता है। राफेल की उड़ान ही उसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है। रेडार से बचने की क्षमता और दूर से दुश्मनों पर बाज की तरह नजर रखते हुए हमला करने में राफेल को महारत हासिल है।
राफेल हैमर मिसाइल से लैस है। यह मिसाइल किसी भी प्रकार के बंकर या सख्त सतह को पल में नष्ट करने की ताकत रखती है। भारत ज्यादातर लड़ाकू विमान रूस से खरीदता आ रहा। भारत की वायुसेना में रूस में बने मिग -21 , मिग -27 , सुखोई -30 जैसे विमान शामिल हैं। राफेल 36 हजार फीट से लेकर 50 हजार फीट तक उड़ान भरने में सक्षम है। इतना ही नहीं , यह एक मिनट में करीब 50 हजार फीट पर पहुंच जाता है।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस राफेल वायुसेना की पहली पसंद है। इसे हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता है इसकी अधिकतम गति ( Speed ) करीब 2130 किलोमीटर प्रतिघंटा और लगभग 3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता है।