खुद को समय जरुर दीजिए, क्योंकि आपकी पहली जरूरत खुद है। Motivational stories in hindi
यह कहानी है एक मिडल क्लास परिवार की। एक दिन दिन दादाजी बाहर जाने के लिए तैयार हुए थे। तभी उन्हें अपनी घड़ी नहीं मिल रही थी। उसके लिये वो घड़ी महत्व नहीं थी बल्कि समय महत्व था। वो अपने सारे काम समय पर करते थे। कब क्या करना है कब कहा जाना है सब काम अपनी घड़ी के मुताबिक करते थे। दादाजी ने घड़ी को बहोत ढूंढा पर नहीं मिला। उन्हें पता है कि घड़ी इसी घर मे कहि रखी है। फिर उन्होंने घर के बच्चों को बुलाया और कहा बच्चों मेरी घड़ी नहीं मिल रही है जो उसे खोज के देगा उसे में चॉकलेट दूंगा। सारे बच्चे फटाफट दादाजी के रूम में गये और घड़ी को खोजने लगे। एक एक कर के सारे बच्चे बाहर आये और कहा दादाजी घड़ी नहीं मिली। लगता है आपने घड़ी को कहि और रखा होगा। दादाजी ने कहा नहीं बेटा घड़ी इसी रूम में है।
फिर उसमेंसे एक बच्चे ने कहा दादाजी में एक बार और प्रयास करता हु। लेकिन अबकी बार मे अकेला जाऊंगा। ददजीने कहा ठीक है। वो लड़का अंदर गया और दरवाजा बन्द कर लिया। बच्चा अंदर जाकर शांत होकर बैठ गया। उसे कहि से टिक टिक की आवाज आने लगी। उसे वो घड़ी मिल गई और वो बाहर आया और कहा दादाजी ये लीजिये आपकी घड़ी। सबने पूछा कि तुमने अंदर जाके क्या किया जो तुझे घडी इतनी जल्दी मिल गई। उस बच्चे कहा कुछ नहीं किया बस अंदर जेक बैठ गया। सब चौक गए। फिर बच्चे ने कहा में शांत बैठ कर घड़ी की आवाज सुनने लगा। और मुझे घड़ी मिल गई। पहले इस लिए नहीं मिली थी क्योंकि सब अंदर जाके आवाज कर रहे थे।
दादाजी उस बच्चे की सारी बात समझ गए। उसने कहा तुम आगे जाके बहोत बड़े आदमी बनोगे। दादाजी ने उस बच्चे को दो चॉकलेट दिए। और सब को एक एक।
यह कहानी से हमे यह सिख मिलती है कि आपने आप को भी थोड़ा वक़्त देना चाहिए। पूरे दिन में कुछ मिनट ऐसा जरूर होना चाहिए जिसमे आप अकेले बैठ के सोच और समझ सको। कुछ काम ऐसे होते है जिसे पूरा करने के लिए लोगो की जरूरत नहीं बल्कि खुद को थोड़ी देर अकेले बैठ के सोचने से होती है।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह Motivational Hindi story पसंद आया होगा। ऐसी कहानी को पढ़ने के लिए left में बेल आइकॉन को दबा के Subscribe कर ले।