कुआं घिसका। Bacchon ki kahani. Hindi kahani. Hindi story. The well.
पर मोहन की पत्नी को यह बुरा लगा। उसे लगा कि उस मेढक ने उसके रूप का अपमान किया। मेंढक ने ड्राउ...ड्राउ... कर के यह कहा कि जा जा तू सुंदर नहीं है। वो घर आकर अपने पति को सारी बात बताता है। आपको उसे सबक सिखाना चाहिए। उसकी नई नई शादी हुई थी इस लिए उसने हा कह दिया। वो निकल पड़ा गांव में, और चिल्लाने लगा। एक मेंढक ने मेरी पत्नी का अपमान किया है, वो सिर्फ मेरी पत्नी का अपमान नहीं, मेरे घर का अपमान नहीं। यह पूरे गांव की महिला की अपमान है। इस लिए चलो मेरे साथ मेढक को सबक सिखाया जाए।
उसकी बात सुन के गांव के कई युवान जोस में आ गए। और साथ मिलकर कुएं के पास गए। कुएं में पत्थर फेका। पर मेंढक नहीं दिखा। इतने में ही किसी ने कहा की मेंढक बहोत होशियार है। एक काम करते है। कुएं को थोड़ा घिचते है। जाएगा का कहा। सभी ने अपने शरीर के एक एक वस्त्र उतार के दिया। और कभी कपड़े को बांध के एक रस्सी बनाया। उस रस्सी को कुएं के साथ बांधकर कुएं को घिचने लगा। दम लगा के हईशा..... दम लगा के हईशा.... घिचते घिचते बीच का एक कपड़ा थोड़ा फट गया। चररर ऐसा आवाज आया। तो सभी ने कहा कि कुआं थोड़ा घिसका।
यह सुनकर सभी मे जोश आ गया। सभी ने जोर से रस्सी को घिचने लगा। और बीच से फटा हुआ कपड़ा पूरा फट गया। और सभी एक साथ एकदूसरे के ऊपर गिर गए। यह नजारा थोड़ा विचित्र था। सभी कहने लगे की कुआं घिसका, कुआं घिसका। ईधर से गुजर रहे एक राहदारी ने हस्ते हुए कहा, मूर्ख लोग कुआं नहीं घिसका तुम्हारी बुद्धि घिसक गई है।
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