Rules and Regulations. हमारे देश में रूल्स तो है पर कोई उसे फॉलो नहीं नहीं करता।
हमारे देश में रूल्स तो है पर कोई उसे फॉलो नहीं नहीं करता। यह टॉपिक मेरा खुद का अनुभव से लिखा गया है। ये घटना मेरे साथ घटी है। जानने के लिये पूरा जरूर पढ़ें।
मेरे पापा की तबियत खराब थी। उन्हें लेके में Hospital गया था। वहां पे एक खिड़की के पास पांच लोग खड़े होकर बात कर रहे थे। वो बात Hospital की गंदकी के बारेमे कर रहे थे। मुझे लगा कि बहोत अच्छी बात है। फिर में उनकी बांतो पे ध्यान नही दिया। फिर उसमें से एक व्यक्ति ने गुटका खाके खिड़की के बाहर थूंक दिया। मुझे पसंद नही आया।
स्वभाविक चीज है किसी को भी अच्छा नही लगेगा। फिर में उनकी बात ध्यान से सुनने लगा। उसने कहा कि इस Hospital में कोई Rules नहीं है। बहोत लोग गुटका ओर सिगरेट पी रहे है। ऐसे ही बहोत कुछ बोल रहा था। फिर मेरे मन मे एक विचार आया कि कितने लोग होंगे इनके जैसे विचार करने वाले। कुछ देर बाद वो लोग वहां से चले गए।
चलो छोड़ो उन्हें ऐसे तो बहोत आते जाते रहते है। हम बात करते है हॉस्पिटल की गंदगी के बारेमे। जिस Hospital में में गया था वो बहोत बड़ा था। वहां पे कुछ दीवारे ऐसी थी जो गुटका खाके थुंका हुआ था। वो को थूंकता हे वहां के डॉक्टर या हम। उस व्यक्ति ने कहा था कि कोई Rules नही है। तो क्या चाहते हो सफाई कर्मचारी सबके पीछे भागता रहे कि यहां मत थूंकना। वो हमारे ऊपर है कि हमे क्या करना है। हर दीवार पे बोर्ड तो लगा है कि थूकना मना है। Rules तो सब जगह है पर फॉलो करने वाला बहोत ही कम लोग है।
गंदकी हमि लोग करते है और हमी कहते है गंदकी ज्यादा है। बताओ कैसे लोग है। इंसान की सोच ही ऐसी है। सब अपने बारेमे सोचते है। एक बात आप लोगोने जरूर नोटिस किया होगा कि जो सरकारी संस्था जो होती है जैसे कि स्कूल , हॉस्पिटल लोग उसे बहोत नुकसान करते है। पता नही ऐसा क्यों करते है। फ्री का माल है इस लिए सायद।
में तो सिर्फ इतना ही कहना कहना चाहता हु की " आप किसी का भला नही कर सकते तो बुरा भी मत करो।"
By PK.MOTIVATION