इंसान भला है या बुरा उसकी पहचान पद,पैसा और पावर से नहीं होती। Hindi story. Short story. Motivational story.
पेड़ हट जाने के बाद उस घोड़सवार ने उस कप्तान से पूछा। आप भी मदद कर सकते थे। किस लिए दूर खड़े रहे। में सामान्य सैनिक नहीं हूं। में केप्टन हु। ऊंचे पद का अहंकार मनुष्य को कभी कभी इंसानियत भुला देती है। इसके कारण सरल काम भी कठिन बन जाता है। कुछ महानुभावों के कारण कुर्शी शोभती है, और कोई कुर्शी कारण शोभते है। अच्छे कामो करने के लिए कभी कुर्शी की जरूर नहीं पड़ती।
नेता अगर सिर्फ आदेश करे तो लोक समूह काम ना भ करे, पर जो काम नेता खुद करने लगे तो लोग अपने आप उस काम मे जुड़ जाते है। पद , पैसा और पावर इंसान को घमंडी बना देता है। काम कभी छोटा या बड़ा नहीं होता। काम से ही व्यक्ति की पहचान होती है। जाते जाते घोड़सवार ने उस केप्टन को बहोत ही बड़ी सिख दी। उसे तब अहसास हुआ कि असली पहचान पद से नहीं हमारे कर्म से होती है। उसके जाने के बाद पता चल की वो घोड़सवार देश का सबसे बड़ा बिज़नेसमैन था।
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