बोलना नहीं बल्कि सहन करना सीखो। Motivational story in hindi.
पाँच दोस्त एक बगीचे में बैठ के बात-चित कर रहे थे। उस मे एक ऐसा लड़का था जिसे दुसरो की बुराई करने का बहोत शोक है। पर जब बुराई खुद की हो तो उसे बिलकुल भी नहीं पसंद। जिसका नाम था रमेश। पांचो मिल के एक दूसरे की बुराई कर रहे थे। रमेश भी अपने दोस्तो की बुराई कर रहा था। फिर किसी इस लड़के ने रमेश को बुराभला कहा। रमेश को यह पसंद नहीं आया। दोनों दोस्तो में झगड़ा हो गया। रमेश वहां से अपने घर चला गया। इस छोटी सी स्टोरी से हमे यह सिख मिलती है कि अगर हम दूसरों की बुराई करते है तो हमे भी बुरा सहना पड़ेगा। जिन लोगो से मजाक मस्ती सहन नहीं होता वो लोग मस्ती या किसी की बुराई किया ही मत करो।
बोलना और सुनना दोनों में बड़ा फर्क है। बोलने में तो लोग जो चाहे वो सोचे समझे बोल देते है। पर जब बात सुनने की आती है तो वो किसी को नहीं पसंद।
छोटी सी जानकारी है पर बहोत काम की ही। आपको जरूर पसंद आई होगी।
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