एक दीपक नाम का शिक्षक एक स्कूल में शिक्षक की नोकरी जॉइन करता है। उस उस sir का बात करने का तरीका बहोत ही अच्छा था। वो एक ही पीरियड पढाता ओर बच्चों के प्रिय sir बन जाते। वो जिस बच्चे से सवाल पूछते वो निडर होकर उत्तर देता।
उसमे रमेश नाम का student था। वो पढ़ने में बहोत ही तेज और होशियार था। तेज होने के साथ साथ वो हर exam में हर बार टॉप आता। पर वो कभी किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। sir जो सवाल पूछता था उसका उत्तर आने के बाबजूद भी वो हाथ खड़ा नहीं करता था। और उत्तर भी नहीं देता था। एक दिन sir ने उस रमेश को अपने office में बुलाया। ओर रमेश से पूछा ! बेटा तुम पढ़ने में इतने तेज और होशियार हो भीर भी मेरे या किसी teacher के सवालों का उत्तर क्यों नहीं देते। रमेश ने धीमी आवाज से कहा।
sir में पहले speech बोलने में बहोत माहिर था। कोई भी function हो principal मुझे ही speech में खड़ा करते। में अपनी तारीफ नहीं कर रहा पर यही सच है। पर एक दिन 15 अगस्त को जो speech मेने याद किया था वो में speech बोलने में गड़बड़ हो गई। में कुछ लाइन भूल गया था। उस दिन जितने भी teacher ओर sir वहाँ पे हाजर थे वो सब मेरे से नाराज हो गए। पर दुख तो तब हुया जब मेरे क्लास टीचर ने मुझे डांटा और बुरा कहा। उसी दिन से मेरी जीभ अटक गई। तब से मुझे अपने sir से बात करने में शर्म आती है। किसी भी teacher से बात करने में शर्म आती है। तब से टीचर से ज्यादा बात नहीं करता।
दोस्तो गलती हर इंसान से होती है। बड़ा हो या छोटा। गलती करने पर गुस्सा करना सही है पर हर बात उसे बुरा भला कहना सही नहीं है। उसे समझाना चाहिए की ऐसा होता रहता है। इसे दिल पे मत लो। कहने में तो बहुत आसान है किसी को बुरा भला कहना पर उसके दिल पे क्या वितेगी उसके अलावा कोई नहीं जानता। हमारी बजह से किसी का भविष्य खराब हो ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। गलती होने पर उसे Demotivate ना करे उसे Motivate करे।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आया होगा। अपने दोस्तों के साथ जरूर शेरे करे।
0 Comments
कृपया comment में गलत शब्दों का प्रयोग ना करे। 🙏
Emoji