तीन-चार दिन के बाद वह आदमी वापस आया। उसी गुस्से में वही शक्ल वही हाल में। मैंने कहा बैठिए। आज आप कुछ बोलें उससे पहले मैं बोलना चाहता हूं। आपसे मेरी जितनी बातचीत हुई जितने कागज देखें उससे मुझे थोड़ा-थोड़ा समझ में आया है। और जो मुझे समझ में आया है बस वह मैं आपको समझाना चाहता हूं। मैंने कहना शुरू किया की भाई साहब आप आपका छोटा भाई और बहन आप 3 सदस्य परिवार में है। आपके मम्मी पापा बचपन में गुजर गए। मां-बाप के चले जाने के बाद आप ही घर के सबसे बड़े सदस्य थे। आपने भाई और बहन का ख्याल बिल्कुल मां-बाप की तरह रखा। अपनी बहन की अच्छी पढ़ाई लिखाई के बाद उसकी शादी करवा दी। और छोटे भाई के लिए तो जी जान एक कर दी। हर एक साथ उसके लिए लगा दी। आपने तो सिर्फ नवमी तक ही पढ़ाई की लेकिन अपने भाई को इंजीनियर बना दिया। जितना मैं समझ पा रहा हूं कि आप बता रहे थें की बचपन मे एक बैल ने सिंघ घुसा दिया था। भाई लहूलुहान हो गया था। आप कंधे पर लेकर के उसे 5 किलोमीटर दूर अस्पताल में ले गए क्योंकि गांव में अस्पताल नहीं था। आपने अपने भाई के लिए सब कुछ एक कर दिया। बहुत मेहनत की खेतों में दिहाड़ी की, भूखे पेट रहे तन पर कपड़े ढंके नहीं थे लेकिन भाई के लिए आपने कोई कमी नहीं आने दी। आपने अपना जीवन न्योछावर कर दिया। यहां तक कि वह एक बार बीमार हो गया तब डॉक्टर्स ने कहा कि किडनी चाहिए और आपने उसके लिए अपनी किडनी डोनेट कर दी। और कहा कि तू ऑफिसर बन दिमाग ठीक नहीं लगेगा। मैं तो यहां गांव में रह करके खेती करूंगा। तू जा अपनी जिंदगी जी। अच्छे से पढ़ाई कर अच्छा ऑफिसर बन। भाई ने जब इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया कॉलेज की फी 80000 सालाना थी वह भी आपने चुकाई।
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1 Comments
यह लेख बहुत उपयोगी और अच्छा लिखा गया है,
ReplyDeleteशेयर करने के लिए धन्यवाद ...
ऐसे ही बेस्ट हिंदी लेख शेयर करते रहे।